Sri Rudram- 8|Namakam- 6 |श्रीरुद्रम्- ८| नमकम् |अनुवाक- ६|हिंदी अर्थ सहित

  वेदमंत्र एवं अर्थ-13
    🙌श्रीरुद्रम्-8🙌
     🙏नमकम्🙏
       अनुवाक-6 

नमो ज्येष्ठाय च कनिष्ठाय च नम: पूर्वजाय चापरजाय
 च नमो मध्यमाय चापगल्भाय च
च नमो जघन्याय च बुध्नियाय च नम: सोभ्याय च प्रतिसर्याय च ।।३७।। 

ज्येष्ठ तथा कनिष्ठ के लिए नमस्कार है, पूर्व तथा वर्तमान के लिए नमस्कार है, मध्यम और अविकसित के लिए नमस्कार, जघन्य श्वेतज और वृक्षादि के मूल में होने वाले निमित्त को नमस्कार।🙏 (३७) 

नमो याम्याय च क्षेम्याय च नम उर्वर्याय च खल्याय च नम: श्लोक्याय चाऽवसान्याय च नम वन्याय च कक्ष्याय च नम: श्रवाय च प्रतिश्रवाय च।।३८।। 

मृत्यु और मुक्ति में उपस्थित के लिए नमस्कार,हरे खेतों और खलिहानों मे उपस्थित के लिए नमस्कार, मन्त्रों, वेदों और उपनिषदों में उपस्थित के लिए नमस्कार, वनों और लताओं में मौजूद के लिए नमस्कार तथा ध्वनि और प्रतिध्वनि में रहने वाले को नमस्कार ।🙏(३८) 

नम आशुषेणाय चाशुरथाय च नम: शूराय चावभिन्दते च नमो वर्मिणे च वरूथिने च नमो बिल्मिने च कवचिने च नम: श्रुताय च श्रुतसेनाय च । ।।३९।। 

सेना और रथ में चलने वाले के लिए नमस्कार, असुरों का नाश करने वाले को नमस्कार, बाण धारण करने वाले और कवच धारण करने वाले के लिए नमस्कार, ख्यतिलब्ध के लिए नमस्कार और विख्यात सेना के लिए नमस्कार।🙏 (३९) 
🍁🍁🌾साईराम🌾🍁🍁


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