Sri Rudram- 4 | Namakam | श्रीरुद्रम् -४ | नमकम् | अनुवाक- २ | हिंदी अर्थ सहित
वेदमंत्र एवम् अर्थ-9
🌷श्रीरुद्रम्-4🌷
🙏नमकम्🙏
अनुवाक - 2
नमो हिरण्यबाहवे सेनान्ये दिशां च पतये नमो नमो वृक्षेभ्यो हरिकेशेभ्य: पशूनां पतये नमो नम: सस्पिञ्जराय त्विषीमते पथीनां पतये नमो ।।18।।
भुजाओं में स्वर्ण के अलंकार धारण करने वाले महाबली सेनापति रुद्र को नमस्कार है। दिशाओं के अधिपति अर्थात् समस्त जगत् की अपनी भुजाओं से रक्षा करने वाले सेनापति के लिए नमस्कार है। पर्ण रूप हरे बालों वाले यक्ष रूप रूद्र को नमस्कार हैं। पशुओं के पालन करने वाले रूद्र के लिए नमस्कार है। कान्तिवान बाल तृणवत वर्ण वाले रुद्र के लिए नमस्कार है। मार्गों के पति रुद्र के लिए नमस्कार।(१८)
नमो बभ्लुशाय विव्याधिनेऽन्नानां पतये नमो नमो हरिकेशायोपवीतिने पुष्टानां पतये नमो नमो भवस्य हेत्यै जगतां पतये नमो ।।19 ।।
कपिल वर्ण और शत्रुओं को भेदने वाले व्याधि रूप रुद्र को नमस्कार है। अन्नों के पालक रुद्र के लिए नमस्कार। उपवीत(जनेऊ) धारण करने वाले नीले वर्ण केश रुद्र के लिए नमस्कार है। पुष्ट मनुष्यों के स्वामी रुद्र के लिए नमस्कार है। संसार के स्वामी के लिए नमस्कार है। (19)
नमो रुद्रायातताविने क्षेत्राणां पतये नमो नम: सूतायाहन्त्याय वनानां पतये नमो नमो रोहिताय स्थपतये वृक्षाणां पतये नमो ।।२ ०।।
उद्यत आयुध वाले रुद्र के लिए नमस्कार है। क्षेत्रों के पालन करने वाले रुद्र के लिए नमस्कार है। हनन न करने वाले प्रधान सारथी रूप रुद्र के लिए नमस्कार हैं। वनों के पालक रूद्र के पति तथा वृक्षों के पति को नमस्कार है।(२०)
नमो मन्त्रिणे वाणिजाय कक्षाणां पतये नमो नमो भुवंतये वारिवस्कृतायौषधीनां पतये नमो नम उच्चैर्घोषायाक्रन्दयते पत्तीनां पतये नमो।।21।।
वाणिज्य पति के लिये नमस्कार है,मंत्र पति के लिये नमस्कार है, वन पति के लिए नमस्कार है, धरती माता के लिए नमस्कार है, औषधि पति के लिए नमस्कार है, उच्च घोष करने वाले तथा शत्रुओं को कंपित करने वाले को नमस्कार है।।21।।
नमः कृत्स्नवीताय धावते सत्त्वनां पतये नमः।।21।।
हमारी रक्षा करने के लिए धनुष खींचकर, शत्रु पर दौड़ने वाले रुद्र के लिए नमस्कार है, सब आस्तिकों के पालक रुद्र के लिए नमस्कार है। ।।21।।
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🌷श्रीरुद्रम्-4🌷
🙏नमकम्🙏
अनुवाक - 2
नमो हिरण्यबाहवे सेनान्ये दिशां च पतये नमो नमो वृक्षेभ्यो हरिकेशेभ्य: पशूनां पतये नमो नम: सस्पिञ्जराय त्विषीमते पथीनां पतये नमो ।।18।।
भुजाओं में स्वर्ण के अलंकार धारण करने वाले महाबली सेनापति रुद्र को नमस्कार है। दिशाओं के अधिपति अर्थात् समस्त जगत् की अपनी भुजाओं से रक्षा करने वाले सेनापति के लिए नमस्कार है। पर्ण रूप हरे बालों वाले यक्ष रूप रूद्र को नमस्कार हैं। पशुओं के पालन करने वाले रूद्र के लिए नमस्कार है। कान्तिवान बाल तृणवत वर्ण वाले रुद्र के लिए नमस्कार है। मार्गों के पति रुद्र के लिए नमस्कार।(१८)
नमो बभ्लुशाय विव्याधिनेऽन्नानां पतये नमो नमो हरिकेशायोपवीतिने पुष्टानां पतये नमो नमो भवस्य हेत्यै जगतां पतये नमो ।।19 ।।
कपिल वर्ण और शत्रुओं को भेदने वाले व्याधि रूप रुद्र को नमस्कार है। अन्नों के पालक रुद्र के लिए नमस्कार। उपवीत(जनेऊ) धारण करने वाले नीले वर्ण केश रुद्र के लिए नमस्कार है। पुष्ट मनुष्यों के स्वामी रुद्र के लिए नमस्कार है। संसार के स्वामी के लिए नमस्कार है। (19)
नमो रुद्रायातताविने क्षेत्राणां पतये नमो नम: सूतायाहन्त्याय वनानां पतये नमो नमो रोहिताय स्थपतये वृक्षाणां पतये नमो ।।२ ०।।
उद्यत आयुध वाले रुद्र के लिए नमस्कार है। क्षेत्रों के पालन करने वाले रुद्र के लिए नमस्कार है। हनन न करने वाले प्रधान सारथी रूप रुद्र के लिए नमस्कार हैं। वनों के पालक रूद्र के पति तथा वृक्षों के पति को नमस्कार है।(२०)
नमो मन्त्रिणे वाणिजाय कक्षाणां पतये नमो नमो भुवंतये वारिवस्कृतायौषधीनां पतये नमो नम उच्चैर्घोषायाक्रन्दयते पत्तीनां पतये नमो।।21।।
वाणिज्य पति के लिये नमस्कार है,मंत्र पति के लिये नमस्कार है, वन पति के लिए नमस्कार है, धरती माता के लिए नमस्कार है, औषधि पति के लिए नमस्कार है, उच्च घोष करने वाले तथा शत्रुओं को कंपित करने वाले को नमस्कार है।।21।।
नमः कृत्स्नवीताय धावते सत्त्वनां पतये नमः।।21।।
हमारी रक्षा करने के लिए धनुष खींचकर, शत्रु पर दौड़ने वाले रुद्र के लिए नमस्कार है, सब आस्तिकों के पालक रुद्र के लिए नमस्कार है। ।।21।।
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