Sri Rudram- 7 | Namakam- 5 | श्रीरुद्रम्- ७| नमकम् |अनुवाक- ५| हिंदी अर्थ सहित
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🌻श्रीरुद्रम्-7🌻
🙏नमकम्🙏
अनुवाक - 5
नमो भवाय च रुद्राय च ।। ३ ३ ।।
उत्पन्न करने वाले और संहार करने वाले आपको नमस्कार।🙏 (३३)
नमः शर्वाय च पशुपतये च नमो नीलग्रीवाय च शितिकण्ठाय च नम: कपर्दिने च व्युप्तकेशाय च नमः सहस्राक्षाय च शतधन्वने च ।।३४।।
सभी प्राणियों के रक्षक को नमस्कार है, उनके संहरता को नमस्कार है, नीलकण्ठ को नमस्कार है तथा धौत्कण्ठ(श्वेत) वाले को नमस्कार है। जटाओं से युक्त को नमस्कार है क्या बिना केश वाले को नमस्कार है, सहस्र आँखों वाले को नमस्कार है तथा हजार धनुष धारण करने वाले को नमस्कार है। 🙏 (३४)
नमो गिरिशाय च शिपिविष्टाय च नमो मीढुष्टमाय चेषुमते च नमो ह्रस्वाय च वामनाय च नमो बृहते च वर्षीयसे च नमो वृद्धाय च संवृध्वने च।। ३ ५ ।।
पर्वत पर रहने वाले को जो सभी प्राणियों में वास करता है, को नमस्कार है, सुख रूप तृप्ति कर्त्ता के लिए नमस्कार है और बाणधारी के लिए नमस्कार है, अल्प शरीर के लिए नमस्कार है और संकुचित अंग वाले के लिए नमस्कार है, प्रौढ़ के लिए तथा अतिवृद्ध के लिए नमस्कार है।🙏 (३५)
नमो अग्रियाय च प्रथमाय च नम आशवे चाजिराय च नम: शीघ्रियाय च शीभ्याय च नम ऊर्म्याय चावस्वन्याय च नम: स्रोतस्याय च द्वीप्याय च।। ३६ ।।
आदि पुरुष के लिए नमस्कार है और प्रथम पुरुष के लिए नमस्कार हैं, शीघ्र गति वाले के लिए नमस्कार और गतिशील🚶 के लिए नमस्कार है, वेगवान🏃 के लिए नमस्कार और वहमान के लिए नमस्कार, जल तरंग में होने वाले कम्पन के लिए तथा स्थिर जलों में विद्यमान के लिए नमस्कार हैं, झरनों और द्वीपों में रहने वाले के लिए नमस्कार है ।🙏
(३६)
🌿🍀साईराम🍀🌿
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