Sri Rudram- 10| Namakam- 8| श्रीरुद्रम्- १०|नमकम् |अनुवाक- ८|हिंदी अर्थ सहित
वेदमंत्र एवम् अर्थ-15
🍁श्रीरुद्रम्-10🍁
🙏नमकम्🙏
अनुवाक- 8
ॐ हर हर हर हर ॐ। नम: सोमाय च रुद्राय च नमस्ताम्राय चाऽरुणाय नम: शङ्गाय च पशुपतये च नम उग्राय च भीमाय च ।। ४४ ।।
ओम् हर हर हर हर ओम्। सोम के लिए नमस्कार, रुद्र के लिए नमस्कार, ताम्र वर्ण के लिए नमस्कार, अरुण वर्ण के लिए नमस्कार, सभी जीवों के संरक्षक के लिए नमस्कार, पशुपति के लिए नमस्कार, उग्र और भीम के लिए नमस्कार। 🙏(४४)
नमो अग्रेवधाय च दूरेवधाय च नमो हन्त्रे च हनीयसे च नमो वृक्षेभ्यो हरिकेशेभ्यो नमस्ताराय ।। ४५ ।।
शत्रुओं का सामने से संहार करने बाले के लिए नमस्कार, दूर से मारने वाले के लिए नमस्कार, शत्रु को मारने वाले के लिए नमस्कार और शत्रु के अतिशय अन्त के लिए नमस्कार, हरे पत्ते केश वाले तरु🌳 रूप के लिए नमस्कार तथा संसार के मारने वाले परमात्मा के लिए नमस्कार। 🙏( ४५ )
नमश्शम्भवे च मयोभवे च नम: शङ्कराय च मयस्कराय च नम: शिवाय च शिवतराय च नमस्तीर्थ्याय च कूल्याय च ।।४६।।
आनन्द तथा सबके ज्ञाता के लिए नमस्कार, कल्याणकारी और सुख देने वाले के लिए नमस्कार, मंगल स्वरूप तथा अत्यन्त शान्त, निष्पाप करने वालों को नमस्कार, पवित्र जल और उसके किनारे स्थित मूर्तियों में रहने वाले के लिए नमस्कार ।🙏(४६)
नम: पार्याय चावार्याय च नम: प्रतरणाय चोत्तरणाय च नम आतार्याय चालाद्याय च नम: शष्प्याय च फेन्याय च ।। ४७ ।।
उस पार विद्यमान तथा इस पार विद्यमान के लिए नमस्कार, टालने वाले के लिए तथा उत्कृष्ट तत्व ज्ञान से संसार के पार कराने वालों के लिए नमस्कार, कुश अंकुश, आदि में विद्यमान के निमित्त तथा सागर आदि के क्षेत्र में रहने वाले के लिए नमस्कार ।🙏 (४७)
नमः सिकत्याय च प्रवाह्याय च ।।४८।।
बालू में रहने वाले एवं रेत में प्रवाहमान के लिए नमस्कार। 🙏(४८)
🌹🙏साई राम🙏🌹
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