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Showing posts from April, 2017

Sri Rudram- 2 | Namakam | with meaning in Hindi | श्रीरुद्रम्- २ | नमकम् | हिंदी अर्थ सहित

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वेदमंत्र एवम् अर्थ-7     🌸श्री रुद्रम्🌸      🙏नमकम्-2🙏  शिवेन वचसा त्वा गिरिशाच्छावदामसि, यथा नः सर्वमिज्जगदयक्ष्मगुं सुमना असत्।। ६ ।।  हे स्वरुप में सबको शान्तिदायक, देववाणी में स्थित होकर प्राणियों की रक्षा करने वाले रुद्र, तुम जिस बाण को शत्रुओं का नाश करने के लिये हाथ में धारण करते हो, उस बाण को कल्याणकारी करो और मनुष्यों तथा जगत के गौ आदि पशुओं को मत मारो। (6) अध्यवोचदधिवक्ता प्रथमो दैव्यो भिषक्। अहीगंश्च सर्वाजम्भयन्त्सर्वाश्च यातुधान्य: ।। ७ ।। मुख से भाषण करते हुए सर्वश्रेष्ठ दिव्य वैद्य रूप रुद्र से हम कह रहे हैं कि वे सर्प आदि क्रूर राक्षस जैसे   दुष्टों को विनष्ट करके सम्पूर्ण नीच राक्षसी वृत्ति के लोगों को हमसे दूर करे।(७) असौ यस्ताम्रो अरुण उत बभ्रु: सुमङ्गल: । ये चेमागं रुद्रा अभितो दिक्षुश्रिता: सहस्रशोऽवैषागं हेडईमहे ।। ८ ।। जो यह उदय के समय ताम्रवर्ण, मध्य समय में अरुण वर्ण और अस्त समय में भूरे वर्ण युक्त हैं, वे उत्तम मंगल करने वाले सूर्य अनेक कणों का विस्तार करते हैं और जो सहस्रों रुद्र इसके सब ओर नाना दिशाओं में हैं, इनका क्रोध हमसे दूर रहे। (८

Sri Rudram | Namakam | with meaning in Hindi | श्रीरुद्रम् | नमकम्- १ | हिंदी अर्थ सहित

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वेदमंत्र एवम् अर्थ-6 🌻।। श्री रुद्रप्रश्न: ।।-1🌻 🙏 (1)नमकम् अनुवाक - 1🙏 ॐ नमो भगवते रुद्राय । । १ । । भगवान रुद्र को नमस्कार(१) ॐ नमस्ते रुद्र मन्यव उतोत इषवे नम: । नमस्ते अस्तु धन्वने बाहुभ्यामुतते नम: ।। २ ।। दुष्टों को रुलाने वाले रुद्र; तुम्हारे क्रोध के लिए मेरा नमस्कार। तुम्हारे बाणों के लिए मेरा आदर है और तुम्हारी दोनों भुजाओं के लिए भी मेरा प्रणाम।(२) या त इषुः शिवतमा शिवं बभूव ते धनुः । शिवा शरव्या या तव तया नो रुद्र मृडय । ।3 । । हे भगवान रूद्र ;आपका वह बाण और आपका वह धनुष तथा आपका  वह तरकश जो कल्याणकारी है; हमें आनन्द प्रदान करे । (३) या ते रुद्र शिवा तनूरघोराऽपापकाशिनी । तया नस्तनुवा शन्तमया गिरिशन्ताभिचाकशीहि । । ४ । । हे भगवान रूद्र! तुम जिस महान प्रशान्त आकार के द्वारा पापों का नाश करते हैं। जो कल्याणकर और सुखकारी है वह हमें सर्वोच्च ज्ञान प्रदान करे। (४) यामिषुं गिरिशंत हस्ते बिभर्ष्यस्तवे । शिवां गिरित्र तां कुरु मा हिगुंसी: पुरुषञ्जगत्। ।5 ।। हे पर्वत के किले में रहने वाले तथा शत्रु को रुलाने वाले, जो आपका शान्त मंगलभूत पापों को दूर करने वाल

Sai - Swaranjali | Prasanthi Nilayam

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Musical Offering by Sai Youth of Haryana & Chandigarh Watch on YouTube at Sai-Swaranjali @Prasanthi Nilayam: http://www.youtube.com/playlist?list=PLjbQ-MH53zmfAwF3CcnhtEItgoo36WLoC Celebrating the epochal 90th year of His Divine Advent that coincides with the 50th year of Sri Sathya Sai Seva Organisations, Sai Youth from Haryana and Chandigarh presented a musical offering "Sai Swaranjali" on Sunday, 7th August, 2016 at the Sanctum Sanctorum in Prasanthi Nilayam. Commemorating the special occasion, the Sai Swaranjali concert has been on throughout the State, spreading His eternal message of "Love All Serve All", executed with great zeal by the Youth Wing of Sathya Sai Seva Organizations.  The programme commenced at 1700 hrs with the State President of SSSSO delivering an introductory talk, stressing on the greater need of the hour, Service. The musical offering that followed had 7 gems strung together, all sung in chorus, engulfing the vast S

Sai- Swaranjali | Tagore Theatre | Chandigarh

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Sai-Swaranjali held on Monday 11th April 2016 at Tagore Theatre Chandigarh in the auspicious presence of Honourable Governor Chhattisgarh Sh. Balram Ji Das Tandon, AIP Sh. Nimish Pandya, National Vice President Sh N. Ramani, State President Sh. S. C. Dheer &other dignitaries. Watch on YouTube at Sai-Swaranjali @ Chandigarh:  Click here to watch the videos 1. Introduction of the team members of Sai- Swaranjali by Ankush Garg 2. Rakh Laaj Meri Ganapati : Dr. Satyakam 3. Varade- 3 Veenavaadini Varade : Dr. Satyakam & team 4. Naina Tarase: Dr. Satyakam 5. Ambey Charan Kamal hain Tere: Dr. Satyakam & team 6. Message of Bhagwan Sri Sathya Sai Baba by Sachin Singla 7. Chadariya Jheeni re Jheeni: Dr. Satyakam & team 8. Naman hai Hamara Tumhe Sai Baba: Dr. Satyakam & team 9. Chalo Mann Ganga Yamuna Teer: Dr. Satyakam 10. Main Lajpala de Lar Lagiyan mere ton Gam pare rahande Sufi Quawali: Ravinder Singla & team 11. Address by Sh. Nimish Pandya AIP S

गणपति अथर्वशीर्षम्- ५ | हिंदी अर्थ सहित | Ganapati Atharva Sheersham with meaning in Hindi- 5

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वेदमंत्र एवम् अर्थ-5 🌻गणपति अथर्वशीर्षम्-4🌻 गकार: पूर्वरूपम्। अकारो मध्यमरूपम्। अनुस्वारश्चान्त्यरूपम्। बिन्दुरुत्तररूपम्। नाद: सन्धानम्। सगंहिता सन्धि: । सैषा गणेशविद्या। गणक ऋषि: । निचृद्गायत्रीच्छन्द: । गणपतिर्देवता। ॐ गं गणपतये नम: ।।७।। "ग" कार पूर्वरूप है। "अ" कार मध्य रूप है। अनुस्वार अन्त्य रूप है। बिन्दु उत्तर रूप है।नाद संधान है। यही गणेश विद्या है। इसके ऋषि गणक हैं। इसका छन्द निचृत् गायत्री है। देवता गणपति हैं। ओम् गं गणपति को नमस्कार। (७) एकदन्ताय विद्यहे वक्रतुण्डाय धीमहि। तन्नो दन्ति: प्रचोदयात्। । 4 ।। मैं एक दात और मुड़ी हुई सूण्ड वाले देवता-(गणेश) की आराधना करता हूँ। वे मुझे सुप्रेरित कर ज्ञान प्रदान करें।(८) एकदन्तं चतुर्हस्तं पाशमङ्कुशधारिणम्। रदं च वरदं हस्तैर्बिभ्राणं  मूषकध्वजम्।। रक्तं लंबोदरं शूर्पकर्णकं रक्तवाससम्।। रक्तगन्धानुलिप्ताङ्गं रक्तपुष्पैः सुपूजितम्।। भक्तानुकम्पिनं देवं जगत्कारणमच्युतम्। आविर्भूतं च सृष्ट्यादौ प्रकृते: पुरुषात्परम्। एवं ध्यायति यो नित्यं स योगी योगिनां वर: ।।9। जिनका एक दाँत है, चार हाथों में पाश

Ganapati Atharva Sheersham- 4 | गणपति अथर्वशीर्षम्- ४ | हिंदी अर्थ सहित

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🌸वेदमंत्र एवम् अर्थ-4🌸 🍃गणपति अथर्वशीर्ष-3🍃 __________________ त्वं गुणत्रयातीत: । त्वम् अवस्थात्रयातीत: । त्वं देहत्रयातीत: । त्वं कालत्रयातीत: । त्वं मूलाधारस्थितोऽसि नित्यम्। त्वं शक्तित्रयात्मक: । त्वां योगिनो ध्यायन्ति नित्यम्। त्वं ब्रह्मा त्वं विष्णुस्त्वं रुद्रस्त्वमिन्द्रस्त्वमग्निस्त्वंवायुस्त्वंसूर्यस्त्वंचन्द्रमास्त्वं ब्रह्मभूर्भुवःस्वरोऽम्।।  गणादिं पूर्वमुच्चार्य वर्णादीं स्तदनन्तरम्। अनुस्वार:  परतर: । अर्धेन्दुलसितम्। तारेण ऋद्धम्। एत्तत्तव मनुस्वरूपम्।।६ ।। तुम तीनों गुणों से परे हो।तुम चेतना के तीनों स्तरों से परे हो। तुम तीनों शरीरों से परे हो। तुम तीनों कालों से परे हो। तुम निरन्तर मूलाधार चक्र में व्याप्त हो। तुम त्रिधात्मक शक्ति हो। योगीजन निरन्तर तुम्हरा ध्यान धरते हैं। तुम ब्रह्मा हो, तुम विष्णु हो, तुम रूद्र हो, तुम इन्द्र हो, तुम अग्नि हो, तुम वायु हो, तुम सूर्य हो, तुम चन्द्रमा हो, तुम ब्रह्म लोकव्याप्त और अध्यात्म हो।"गं" आदि में उच्चरित कर "अ" वर्ण बाद में बोलें। अनुस्वार इसके बाद उच्चरित किया जाए। अर्धचंद्राकार से उसे स

गणपति अथर्वशीर्षम्- ३ | हिंदी अर्थ सहित | Ganapati Atharva Sheersham with meaning in Hindi- 3

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🌸वेदमंत्र एवम् अर्थ-4🌸 🍃गणपति अथर्वशीर्ष-3🍃 __________________ त्वं गुणत्रयातीत: । त्वम् अवस्थात्रयातीत: । त्वं देहत्रयातीत: । त्वं कालत्रयातीत: । त्वं मूलाधारस्थितोऽसि नित्यम्। त्वं शक्तित्रयात्मक: । त्वां योगिनो ध्यायन्ति नित्यम्। त्वं ब्रह्मा त्वं विष्णुस्त्वं रुद्रस्त्वमिन्द्रस्त्वमग्निस्त्वंवायुस्त्वंसूर्यस्त्वंचन्द्रमास्त्वं ब्रह्मभूर्भुवःस्वरोऽम्।।  गणादिं पूर्वमुच्चार्य वर्णादीं स्तदनन्तरम्। अनुस्वार:  परतर: । अर्धेन्दुलसितम्। तारेण ऋद्धम्। एत्तत्तव मनुस्वरूपम्।।६ ।। तुम तीनों गुणों से परे हो।तुम चेतना के तीनों स्तरों से परे हो। तुम तीनों शरीरों से परे हो। तुम तीनों कालों से परे हो। तुम निरन्तर मूलाधार चक्र में व्याप्त हो। तुम त्रिधात्मक शक्ति हो। योगीजन निरन्तर तुम्हरा ध्यान धरते हैं। तुम ब्रह्मा हो, तुम विष्णु हो, तुम रूद्र हो, तुम इन्द्र हो, तुम अग्नि हो, तुम वायु हो, तुम सूर्य हो, तुम चन्द्रमा हो, तुम ब्रह्म लोकव्याप्त और अध्यात्म हो।"गं" आदि में उच्चरित कर "अ" वर्ण बाद में बोलें। अनुस्वार इसके बाद उच्चरित किया जाए। अर्धचंद्राकार से उसे स

गणपति अथर्वशीर्षम् -२ | हिंदी अर्थ सहित | Ganapati Atharva Sheersham- 2

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🌷वेद मंत्र एवम् अर्थ-3🌷 🙏गणपति अथर्वशीर्ष-2🙏 अव त्वं माम्। अव वक्तारम् । अव श्रोतारम् । अव दातारं । अव धातारम् । अवानूचानमव शिष्यम्। अवं पश्चात्तात्। अवं पुरस्तात्। अवोत्तरात्तात्। अव दक्षिणात्तात्। अव चोर्ध्वात्तात्।  अवाधरात्तात्। सर्वतो माम् पाहि पाहि समन्तात् ।। तुम मेरी रक्षा करो।अपने उपासक की रक्षा करो। उत्तम श्रोता की रक्षा करो। मुझ दान करने वाले की रक्षा करो।मुझ उपासना करने वाले की रक्षा करो। अपने सभी वेदपाठी शिष्यों की रक्षाकरो। मेरी पृष्ठभाग(पीछे) से रक्षा करो। मेरी सामने से रक्षा करो  मेरी उत्तर से रक्षा करो। मेरी दक्षिण से रक्षा करो। मेरी ऊपर से रक्षा करो।मेरी नीचे से रक्षा करो। मेरी सभी बाधाओं से एवं समस्त दिशाओं में रक्षा करो। (३) त्वं वाङ्मयस्त्वं चिन्मयः। त्वमानन्दमयस्त्वं ब्रह्ममय: । त्वं सच्चिदानन्दाऽद्वितीयोऽसि। त्वं प्रत्यक्षं ब्रह्मासि। त्वं ज्ञानमयो विज्ञानमयोऽसि ।।४ ।। तुम्ही वाणी और तुम्ही चेतना हो। तुम आनन्दमय और तुम्ही ब्रह्ममय हो। तुम्हीं सच्चिदानन्द हो, अन्य कोई नहीं।तुम प्रत्यक्ष ब्रह्म हो। तुम ज्ञानमय और विज्ञानमय हो।(४) सर्वं जगदिदं त्वत
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🙏वेदमंत्र एवम् अर्थ-2🙏 1. गणपति अथर्व शीर्षम् -1 (भूमिका - गणेशजी की आराधना पूर्वक, हम गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करते हैं। ऋषि अथर्व जिन्होंने गणेशजी का साक्षात्कार किया, अपने अनुभव को हमारे हित में इस रूप में प्रकट किया है।अथर्व ऋषि का कथन इस तरह है।) ॐ भद्रं कर्णेभि: शृणुयाम देवा: । भद्रं पश्येमाक्षभिर्यजत्रा: । स्थिरैरङ्गैस्तुष्टुवागं सस्तनूभि: । व्यशेम देवहितं यदायुः । स्वस्ति नः इंद्रो वृद्धश्रवा: । स्वस्ति न: पूषा विश्ववेदाः। स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमि: । स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु।। ॐ शान्तिः शान्तिः शान्ति: ।। हे देव, हम कानों से शुभ सुनें।हम यजन करते हुए अपनी आँखों से शुभ देखें ।हम स्वस्थ शरीर के द्वारा तुम्हारी आराधना करें। हम जीवन पर्यन्त देवहित का ही आचरण करें। कीर्तिप्रद इन्द्र हमारा कल्याण करे। सर्वविर्द सूर्य हमारा हित करें। बुराइयों के अपहर्ता गरुड़ हमारा भला करें। बृहस्पति हमारा हित साधन करें।। शरीर, मन और आत्मा शान्त हो। ॐ नमस्ते गणपतये। त्वमेव प्रत्यक्षं तत्वमसि। त्वमेव केवलं कर्ताऽसि । त्वमेव केवलं धर्ताऽसि । त्वमेव केवलं हर्ताऽसि । त्वमेव सर्वं ख

Ganapati Prarthna | गणपति प्रार्थना | हिंदी अर्थ सहित

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वेदमंत्र एवम् अर्थ- १ 🙏 गणपति प्रार्थना🙏   गणानां त्वा गणपतिगं हवामहे कविं कवीनामुपमश्रवस्तमम्। ज्येष्ठराजं ब्रह्मणां ब्रह्मणस्पत आ न: श्रृण्वन्नूतिभिस्सीद सादनम् ।।1।। हम गणों के नायक गणपति का आह्वान करते हैं। वे ज्ञानियों में श्रेष्ठ और अनुपमेय हैं। हम तेजस्वी, परमश्रेष्ठ मन्त्रों के स्वामी का आह्वान करते है।आप हमारी प्रार्थना को सुनते हुए रक्षा साधनों के साथ हमारे घर में हमारी सहायता के लिए विराजें। ( १ ) प्रणो देवी सरस्वती वाजेभिर्वाजिनीवती।धीनामवित्र्यवतु। गणेशाय नम: । सरस्वत्यै नम: श्रीगुरुभ्यो नम: । हरि: ओम्।।२।। हम वाणी की देवी सरस्वती का, ऋचाओं के द्वारा आह्वान करते है कि माँ सरस्वती  हमारी वाणी को शुद्ध उच्चारण करने के लिए सुप्रेरित करें व हममें सुबुद्धि को जगाएँ। गणेश जी को नमस्कार🙏, सरस्वतीजी को नमस्कार🙏। गुरुदेव को नमस्कार🙏। हरिःॐ। (२) 🌷🌷🌷🌸🌷🌷🌷ड़

Audio Jukebox of Bhajan Sandhya | Dr. Satyakam

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Audio Jukebox of Bhajans sung in Bhajan Sandhya during Rama Navami celebrations in Vaikuntha puri Hanuman Mandir, Shahabad Markanda on Wednesday, 05.04.2017. 1. Ganesha & Saraswati Vandana 2. Ram ka Gunagaan kariye 3. Chadariya Jheeni re Jheeni 4. Jag mein Sunder Hain do Naam 5. Kabhi Kabhi Bhagwan ko bhi Bhakton se kaam pade Voice : Dr. Satyakam Tabla: Vaibhav Sharma Synthesizer: Vishal Sharma Octopad: Bunny Kumar Chorus: Ravinder Singla, Sachin Singla, Ankush Garg, Prabhat Gupta, Vaibhav Singla, Prashant Singla, Vibhuti Sharma & Vasundhara Sharma. Live Audio recorded by Sagar Sound, Shahabad Markanda.  Watch on YouTube at https://youtu.be/0b9XaCoAohg Subscribe our Channel at https://m.youtube.com/channel/UCGmcOXA4ZCyRRvem2B9nzhg
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बेड़ा पार करो मेरे साई https://youtu.be/lA5z_cDc0T4 Beda Paar Karo Mere Sai Raga: Sindhu Bharavi (Carnatic and Hindustani) Voice: Dr. Satyakam      बेड़ा पार करो मेरे साई      उद्धार करो मेरे बाबा      बेड़ा पार करो मेरे साई      अल्लाह ईश्वर साई बाबा      शिर्डी बाबा साईं बाबा      रहम नज़र करो साई बाबा      दया करो साई कृपा करो      बेड़ा पार करो मेरे साई      राग: भैरवी;       श्रुति: D(Gents), A(Ladies) BEDA PAAR KARO MERE SAI UDHAR KARO MERE BABA BEDA PAAR KARO MERE SAI ALLAH ESHWARA SAI BABA SHIRDI BABA PARTHI BABA RAHAM NAZAR KARO SAI BABA DAYA KARO SAI KRUPA KARO (2) TRANSLATION: OH LORD SAI! YOU ALONE SAVE ME FROM THIS OCEAN OF WORLDLY LIFE! OH MY LORD, MY BABA, PLEASE COME TO MY RESCUE! DEAR SAI BABA, YOU ARE THE SAME LORD, ALLAH AND ESHWARA (SHIVA) DEAR LORD, YOU ARE ONE WHO WAS BORN IN SHIRDI AND NOW IS IN PUTTAPARTHI OH LORD, PLEASE BLESS ME WITH YOUR KIND LOOKS MY LORD SAI, PLEASE BE GRACIOUS TO ME. Subscribe our Channel at https://m.youtu

Aarathi of Shirdi Sai Baba | आरती साई बाबा

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Click here to watch the video *शिरडी साई बाबा की आरती* आरती साई बाबा सुखकारक है तू देवा चरणों की धूलि में दे दो भक्तों को सहारा दास को सहारा आरती साई बाबा जल जाए अनंग स्व स्वरूप में रहे मग्न मुमुक्षु को दे दो दर्शन हे श्रीरंगा देवा श्रीरंगा आरती साईबाबा जैसा मन में भाव वैसा पाओ अनुभव कर दो दया दास पर ऐसा तेरा स्वभाव तेरा स्वाभाव आरती साई बाबा तुम्हारा नाम जपते मिले पापों से मुक्ति अपार तेरी करनी मार्ग दिखावे तू नाथा दिखावे तू नाथा आरती साईं बाबा कलयुग में अवतारा सगुण परब्रह्म साकार अवतीर्ण हुए हैं स्वामी दत्ता दिगंबर दत्ता दिगंबर आरती साई बाबा हर दिन हर गुरुवार भक्त आते हैं तेरे द्वार प्रभु पद को निहार भक्त हों भव से पार हों भव से पार   आरती साई बाबा तेरे चरणों की सेवा यही मेरा ही मेवा यही चाहूं मैं देवा तुम हो देवों के देवा देवों के देवा आरती साईबाबा मैं हूँ  दीन चातक चाहूँ चरणों का अमृत यही पिला देना अपना वचन निभाओ वचन निभाओ आरती साई बाबा      *जय साई राम*

De Charana da Pyar |sung by Vibhuti Sharma | with Lyrics | दे चरणाँ दा प्यार

Click here to Watch the video दे चरणाँ दा प्यार https://youtu.be/uKpQ0y4y960 De Charana da Pyar Live Bhajan sung in Bhajan Sandhya during Rama Navami celebrations in Vaikuntha puri Hanuman Mandir, Shahabad Markanda on Wednesday, 05.04.2017. Voice:  Vibhuti Sharma Harmonium: Dr. Satyakam Tabla: Vaibhav Sharma Synthesizer: Vishal Sharma Octopad: Bunny Kumar Chorus: Ravinder Singla, Sachin Singla, Ankush Garg, Prabhat Gupta, Vaibhav Singla, Prashant Singla & Vasundhara Sharma Live Audio recorded by Sagar Sound, Shahabad Markanda. Video : Vardan Sharma Video editing by Satyakam Productions दे चरणा दा प्यार माए नी सानू रख ले सेवादार तेरे भवन ते करां नौकरी तेरे मंदिर ते सद ले तू इक बार माय नी मेनू दे चरना दा प्यार भक्ताँ दे नाल भेंटाँ गांवाँ इक पल वी ना सोवाँ अमृत वेले मंदिर तेरा पलकाँ नाल मैं धोवाँ बागा बिच फुल तोड़कर गुंदा सोने हार । हार श्रृंगार मैं करके तेरियां पिंडिया रोज सजावाँ अतर गुलेला छिड़काँ नाले मंदिरा नू महाकावाँ जोत जगा के कराँ आरती बनके ताबेदार

Hey Màdhavà Hey Madhusoodanà sung by Vibhuti Sharma

https://youtu.be/8EPsqWg3GHw हे माधवा हे मधुसूदना       दामोदरा है मुरली धरा       हे माधवा हे मधुसूदना - - -        मनमोहना हे यदुनंदना                        दीना वना भव भय भंजना       राग:शुद्ध सारंग; श्रुति: G (Gents),  D(Ladies) Voice: Vibhuti sharma Tabla: Vaibhav sharma Percussion: Ankush garg Manjira: Prabhat gupta Dholak: DP chauhan Chorus: Dr. Satyakam, DP Chauhan,Sachin singla, Ravinder Chauhan, Prabhat Gupta, Ankush Garg, Vasundhara sharma Subscribe my channel at https://www.youtube.com/channel/UC5WKrvN_QOYosJPwY1uC4_w

Hanuman Chalisa | हनुमान चालीसा | Vibhuti Sharma & Vasundhara Sharma

https://youtu.be/rCUSxMTBnvk *हनुमान जी के जन्मोत्सव की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ* Hanuman Chalisa sung Live in Bhajan Sandhya during Rama Navami celebrations in Vaikuntha puri Hanuman Mandir, Shahabad Markanda on Wednesday, 05.04.2017. Voice:  Vibhuti Sharma & Vasundhara Sharma Harmonium: Dr. Satyakam Tabla: Vaibhav Sharma Synthesizer: Vishal Sharma Octopad: Bunny Kumar Chorus: Ravinder Singla, Sachin Singla, Ankush Garg, Prabhat Gupta, Vaibhav Singla, Prashant Singla. Live Audio recorded by Sagar Sound, Shahabad Markanda. Video : Vardan Sharma  ॥दोहा॥ श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि । बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥ बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमार । बल बुधि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार ॥ ॥चौपाई॥ जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥१॥ राम दूत अतुलित बल धामा । अञ्जनि-पुत्र पवनसुत नामा ॥२॥ महाबीर बिक्रम बजरङ्गी । कुमति निवार सुमति के सङ्गी ॥३॥ कञ्चन बरन बिराज सुबेसा । कानन कुण्डल कुञ्चित क

Chadariya Jheeni re Jheeni | चदरिया झीनी रे झीनी

https://youtu.be/GNkDKo1PWBE Chadariya Jheeni re Jheeni | Bhajan by Saint Kabirdass in Raag Desh with glimpses of other Raagas I.e. Raag Yaman, Malkauns, Darbari Kanhada, Kafi & Bhairavi & with Prasanthi Bhajan in each Raag sung in Sai- Swaranjali on 11th April, 2016 in Tagore Theatre, Chandigarh. Voice: Dr. Satyakam Synthesizer: Vishal Sharma Flute: Vibhu Arya Tabla: Vaibhav Sharma & Prashant Singla Dholak: Rajender  (Babboo ji) Chorus: Ravinder Singla, Rajender Singla, Prabhat Gupta, Sachin Singla, Ankush Garg, Rajeev Garg, Vaibhav Singla, Sai Nirmal, Vardan Sharma & Rachit Gupta. कबीरा जब हम पैदा हुए, जग हँसे, हम रोये। ऐसी करनी कर चलो, हम हँसे, जग रोये॥ चदरिया झीनी रे झीनी राम नाम रस भीनी चदरिया झीनी रे झीनी चदरिया झीनी रे झीनी अष्ट-कमल का चरखा बनाया, पांच तत्व की पूनी। नौ-दस मास बुनन को लागे, मूरख मैली किन्ही॥ चदरिया झीनी रे झीनी जब मोरी चादर बन घर आई, रंगरेज को दीन्हि। ऐसा रंग रंगा रंगरे ने, के लालो लाल कर दीन्हि॥ चदरिया झीनी रे झीनी