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Showing posts from March, 2019

Happy Holi || होली की हार्दिक शुभकामनाएँ || होली के रंग साई तेरे संग

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🌈🌈🌹🌸🌻🌸🌹🌈🌈 होली के रंग,साई तेरे संग। तेरे प्रेम रंग में,भीगे अंग अंग।। मधुर मुस्कान तेरी,मस्तानी चाल है। रक्त-पीताम्बर तेरा,प्रेम का गुलाल है।। तेरे पास आने से,उठती हुई इक लहर। कंपित करती तनमन,आत्मा में गई उतर।। वही लहर अश्रु बनके,छलक आई नयनों में। बह चली प्रेमधार,साई तेरे चरणों  में।। रंग गया है तनमन,साई तेरे रंग में। तू सदा साथ है,आभास है ये मन में।। साई अंदर साई बाहर,रोम रोम साईराम। बिन तेरे साई इस जग में,मिलता नहीं आराम।। हर जगह हों दर्श तुम्हारे,बस यही है कामना। बन जाऊँ "वेणु"तेरी,यही मेरी आराधना।। 🌺🌺🌸🌹sk🌹🌸🌺🌺

गीता वाहिनी सूत्र - ५१ || Gita Vahini - 51 || Sri Sathya Sai Baba || प्रणवः सर्ववेदेषु शब्दः खे पौरुषं नृषु

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    प्रणवः सर्ववेदेषु शब्दः खे पौरुषं नृषु।। असंख्य नाम है और इतने ही रूप है, लेकिन एक बात का तुम्हें ध्यान रखना है जो सबके लिए पंडित से लेकर मूर्ख तक के लिए प्रतिदिन अनुभव में आने वाली है। हिंदी और तेलुगू के साहित्य में 52 अक्षर हैं, और अंग्रेजी में 26 हैं। यदि तुम हिंदी या तेलुगु या अंग्रेजी के साहित्य का पूरा पहाड़ चुन दो, फिर भी यह सब साहित्यिक रचनाएं हिंदी और तेलुगू के 52 या अंग्रेजी के 26 अक्षरों के आधार पर बनी होंगी। इससे एक भी अक्षर अधिक नहीं मिलेगा। इसी तरह मनुष्य के शरीर में ६ नाड़ी केंद्र होते हैं, जिन की आकृति कमल के फूल की तरह होती है। इनकी प्रत्येक पंखुड़ी से एक शब्द या ध्वनि संबंधित है। हारमोनियम की रीड की तरह जब पंखुड़ियां हिलती हैं तब प्रत्येक से एक अलग ध्वनि निकलती है। इस कथन को जो बुद्धि पूर्वक समझने का प्रयत्न करेंगे उन्हें एक संदेह होगा - 'यदि पंखुड़ियां हिलती रहती हैं, तो उन्हें कौन हिलाता है?' हाँ ! जो शक्ति इन्हें हिलाती है वह अनहद ध्वनि है; पता भी न चले इतनी सूक्ष्म ध्वनि है, जो बिना प्रयत्न के सचेत इच्छा की अपेक्षा किए बिना ही उत्पन्न होती है।